
भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए अच्छी खबर है। भारत और सऊदी अरब के बीच एक अहम द्विपक्षीय वीजा छूट समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच लोगों की आवाजाही पहले से कहीं ज्यादा आसान हो जाएगी।
इस समझौते पर भारतीय राजदूत डॉ. सुहेल एजाज खान और सऊदी विदेश मंत्रालय के प्रोटोकॉल मामलों के उप मंत्री अब्दुलमजीद बिन राशिद अलस्मरी ने हस्ताक्षर किए।
रियाद में हुई हाई-लेवल मीटिंग
सऊदी अरब स्थित भारतीय दूतावास ने अपने आधिकारिक X (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि भारत और सऊदी अरब अपनी Strategic Partnership को और मजबूत करना चाहते हैं।
इसी कड़ी में रियाद में हुई बैठक में राजनयिक (Diplomatic) विशेष (Special) और आधिकारिक (Official) पासपोर्ट धारकों के लिए Visa Exemption Agreement पर चर्चा हुई और आपसी सहमति से डील साइन की गई।
समझौते से क्या बदलेगा?
इस समझौते के लागू होते ही आधिकारिक यात्राएं ज्यादा आसान होंगी। दोनों देशों के अधिकारियों को वीजा प्रक्रिया से राहत मिलेगी। द्विपक्षीय आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा
सरल शब्दों में कहें तो— कम पेपरवर्क, कम इंतजार और ज्यादा कनेक्टिविटी।
संसदीय स्तर पर भी मजबूत हो रहे रिश्ते
इस डील से पहले 5 दिसंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने घोषणा की थी कि भारतीय संसद India–Saudi Arabia Parliamentary Friendship Group का गठन करेगी।

यह घोषणा संसद भवन में सऊदी अरब के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद की गई थी।
‘संसदीय कूटनीति बनेगी सेतु’
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सऊदी अरब की शूरा परिषद की सऊदी-भारत संसदीय मैत्री समिति के अध्यक्ष मेजर जनरल अब्दुल रहमान बिन सनहत अल-हरबी के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी।
उन्होंने कहा कि Parliamentary डिप्लोमेसी दोनों देशों के बीच आपसी समझ संवाद और संस्थागत सहयोग को मजबूत करने का सेतु बनेगी।
कूटनीति की भाषा भले ही गंभीर हो, लेकिन संदेश बिल्कुल साफ है— भारत और सऊदी अरब अब सिर्फ तेल और लेबर तक सीमित नहीं,
बल्कि Ease of Movement और Strategic Trust की ओर बढ़ रहे हैं।
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